“बिजली का बिल” – यह शब्द भारत के करोड़ों परिवारों, विशेषकर मध्यमवर्गीय और निम्न आय वर्ग के लिए, हर महीने चिंता और तनाव का कारण बनता है। बढ़ती बिजली दरें और बढ़ती खपत के बीच महीने के अंत में बिजली बिल का भारी आना एक आम समस्या है। लेकिन क्या हो अगर आपका बिजली बिल शून्य हो जाए? क्या हो अगर आपके घर की छत से ही आपकी सारी बिजली ज़रूरतें पूरी होने लगें, और साथ ही आप पर्यावरण की रक्षा में भी योगदान दे रहे हों? यह कोई कल्पना नहीं, बल्कि भारत सरकार की एक जमीनी और क्रांतिकारी योजना “प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना” (PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana) की वास्तविकता है। यह योजना न केवल आम नागरिकों के बिजली बिल को खत्म करने का वादा करती है, बल्कि देश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने, हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन का भी एक विशाल मॉडल प्रस्तुत करती है।



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**पीएम सूर्य घर योजना क्या है? (What is PM Surya Ghar Yojana?)**
पीएम सूर्य घर: मुफ़्त बिजली योजना भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of New and Renewable Energy – MNRE) की एक प्रमुख पहल है। इसे **फरवरी 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा लॉन्च किया गया था।** इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश भर के आवासीय उपभोक्ताओं, विशेष रूप से मध्यम और निम्न आय वर्ग के परिवारों को, अपने घरों की छतों पर ग्रिड-कनेक्टेड सोलर रूफटॉप सिस्टम (Grid-Connected Rooftop Solar Systems) लगवाने के लिए **वित्तीय सहायता (सब्सिडी)** प्रदान करना है।
Pm Surya Ghar Muft Bijli Yojana योजना की मुख्य विशेषता यह है कि लगाए गए सोलर पैनल द्वारा उत्पन्न बिजली का उपयोग घर की ज़रूरतों को पूरा करने में किया जाता है। अधिशेष बिजली (Excess Electricity ) को ग्रिड में खपत के समय के आधार पर (Net Metering/Net Billing के तहत) बेचा जा सकता है। इस प्रक्रिया से **बिजली बिल में भारी कमी आती है और अक्सर यह बिल “शून्य” या नेगेटिव (क्रेडिट) तक पहुँच जाता है।** इसीलिए इसे “मुफ़्त बिजली योजना” कहा जाता है – क्योंकि बिजली का खर्चा मूलतः समाप्त हो जाता है।
**योजना के प्रमुख लक्ष्य (Key Objectives of the Pm Surya Ghar Muft Bijli Scheme):**
1. **बिजली बिलों में भारी कमी:** घरों की बिजली ज़रूरतों को सोलर से पूरा करके बिजली बिल को शून्य या न्यूनतम स्तर पर लाना।
2. **ऊर्जा आत्मनिर्भरता:** देश की जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करना और स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देना।
3. **व्यापक पहुँच: – विशेषकर गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को सोलर ऊर्जा अपनाने में सक्षम बनाना।
4. **रोजगार सृजन:**- सोलर पैनल निर्माण, सप्लाई, इंस्टालेशन, रखरखाव और सेवा क्षेत्र में लाखों नए रोजगार के अवसर पैदा करना।
5. **पर्यावरण संरक्षण:** कार्बन उत्सर्जन में कमी लाकर जलवायु परिवर्तन से लड़ने में योगदान देना।
6. **डिस्कॉम पर बोझ कम करना:** घरेलू खपत के लिए विकेंद्रीकृत बिजली उत्पादन से बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर दबाव कम होगा।
**योजना का क्रियान्वयन और बजट (Pm Surya Ghar Muft Bijli Yojana Implementation & Budget):**
* **केंद्रीय योजना:** यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जा रहा है।
* **विशाल बजट:** इस योजना के लिए केंद्र सरकार ने **75,021 करोड़ रुपये** का भारी-भरकम बजट आवंटित किया है। यह सोलर रूफटॉप क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा निवेश है।
* **लक्ष्य:** इस राशि से **1 करोड़ (10 Million)** घरों को सोलर रूफटॉप सिस्टम लगाने का लक्ष्य रखा गया है। यह एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है जो भारत को वैश्विक सोलर नेता बनाने की दिशा में मजबूत कदम है।
* **क्रियान्वयन:** योजना का क्रियान्वयन राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) और एजेंसियों के माध्यम से किया जाएगा। केंद्र सरकार सीधे सब्सिडी प्रदान करेगी।
**योजना की प्रमुख विशेषताएँ ( Important Features Of Pm Surya Ghar Muft Bijli Yojana ):**
1. **उदार सब्सिडी (Substantial Subsidy):** योजना की सबसे आकर्षक बात है **40% तक की उदार सब्सिडी**। सिस्टम की क्षमता के आधार पर सब्सिडी दी जाती है:
* **3 kW तक:** **60,000 प्रति kW या सिस्टम लागत का 40% (जो भी कम हो)**। अर्थात 3 kW सिस्टम पर अधिकतम सब्सिडी 1,80,000 रुपये।
* **3 kW से अधिक और 10 kW तक:** **अतिरिक्त क्षमता पर 30,000 प्रति kW या सिस्टम लागत का 20% (जो भी कम हो)**। उदाहरण: 5 kW सिस्टम पर सब्सिडी = (3kW x 60,000) + (2kW x 30,000) = 1,80,000 + 60,000 = 2,40,000 रुपये।
* **कुल सब्सिडी की अधिकतम सीमा:** **1,80,000 रुपये (3 kW तक) और उससे अधिक क्षमता पर अतिरिक्त सब्सिडी के साथ, लेकिन कुल सब्सिडी योजना दिशानिर्देशों के अनुसार ही।**
2. **क्रेडिट लिंक सुविधा (Bank Loan Facility):** सरकार ने राष्ट्रीयकृत बैंकों के साथ समझौता किया है ताकि आवेदकों को **सस्ती ब्याज दरों पर (लगभग 7%) बैंक लोन** उपलब्ध कराया जा सके। सब्सिडी मिलने के बाद बची हुई राशि के लिए यह लोन मिलता है। इससे लोगों के लिए सिस्टम लगवाना और भी आसान हो जाता है। लोन की अवधि आमतौर पर 5-6 साल होती है, जिसका मासिक किस्त (EMI) अक्सर बचने वाले बिजली बिल से कम होता है।
3. **केंद्रीय पोर्टल (National Portal):** पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और आसान बनाने के लिए एक केंद्रीय ऑनलाइन पोर्टल **[https://pmsuryaghar.gov.in](https://pmsuryaghar.gov.in)** लॉन्च किया गया है। इस पोर्टल पर:
* योजना के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध है।
* आवेदक अपना **रजिस्ट्रेशन** करा सकते हैं।
* अपने घर के लिए **सिस्टम की क्षमता का आकलन** कर सकते हैं (रूफ एरिया कैलकुलेटर)।
* **सब्सिडी राशि की गणना** कर सकते हैं (सब्सिडी कैलकुलेटर)।
* **अनुमानित लागत और बचत** देख सकते हैं।
* **सरकारी मान्यता प्राप्त वेंडर्स की सूची (Registered Vendor List – RLV)** देख सकते हैं और सीधे उनसे संपर्क कर सकते हैं।
* **ऑनलाइन आवेदन** कर सकते हैं।
* **आवेदन की स्थिति (Application Status)** ट्रैक कर सकते हैं।
* **सब्सिडी का स्टेटस** जान सकते हैं।
4. **पात्र उपभोक्ता (Eligible Consumers):** योजना मुख्य रूप से **आवासीय उपभोक्ताओं (Residential Consumers)** के लिए है। इसका लाभ वे लोग उठा सकते हैं जिनके पास:
* अपना घर है (मकान मालिक)।
* घर पर एक वैध बिजली कनेक्शन है।
* सोलर पैनल लगाने के लिए पर्याप्त, अनछायांकित (Unshaded) छत की जगह है।
* **नोट:** किराए के घर में रहने वाले लोग भी लाभ उठा सकते हैं, लेकिन इसके लिए मकान मालिक की सहमति और सहयोग आवश्यक है।
5. **सिस्टम क्षमता (System Capacity):** योजना के तहत **1 kW से लेकर 10 kW तक** के सोलर रूफटॉप सिस्टम लगवाने के लिए सब्सिडी मिलती है। आवश्यकता के अनुसार उचित क्षमता का चयन किया जा सकता है।
6. **नेट मीटरिंग (Net Metering):** यह योजना का मूल आधार है। सोलर सिस्टम में एक विशेष मीटर (नेट मीटर) लगाया जाता है जो दो दिशाओं में बिजली प्रवाह को मापता है:
* **सोलर से घर की ओर:** जब आप सोलर से बिजली का उपयोग करते हैं।
* **घर से ग्रिड की ओर:** जब आपका सोलर सिस्टम अतिरिक्त बिजली पैदा करता है और उसे ग्रिड में भेजता है।
* **बिलिंग:** महीने के अंत में, **नेट यूनिट्स (Net Units) = (ग्रिड से खरीदी गई बिजली – ग्रिड को बेची गई बिजली)** के आधार पर बिल बनता है।
* **”मुफ़्त बिजली” का रहस्य:** यदि आप ग्रिड को जितनी बिजली बेचते हैं, उतनी ही या उससे अधिक खरीदते हैं, तो आपका **नेट बिल शून्य या नेगेटिव (क्रेडिट)** आता है। यही क्रेडिट अगले महीने में कैरी फॉरवर्ड हो सकता है। इस तरह आपका वास्तविक बिजली खर्च लगभग खत्म हो जाता है।
7. **गारंटी और रखरखाव (Warranty & Maintenance):** रजिस्टर्ड वेंडर्स द्वारा लगाए गए सिस्टम पर आमतौर पर **5 साल की कार्यशीलता गारंटी (Workmanship Warranty)** और **25 साल तक की परफॉर्मेंस गारंटी (Performance Warranty)** दी जाती है। नियमित रखरखाव (जैसे पैनल साफ करना) सरल है और कम खर्चीला होता है।
**योजना का लाभ कैसे उठाएँ? (Step-by-Step Application Process):**
पीएम सूर्य घर योजना का लाभ उठाने की प्रक्रिया को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सरल बनाया गया है:
1. **पोर्टल पर जाएँ और रजिस्ट्रेशन करें:** **[https://pmsuryaghar.gov.in](https://pmsuryaghar.gov.in)** पर जाएँ। ‘रजिस्ट्रेशन’ या ‘लॉगिन’ विकल्प चुनें। अपना मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, राज्य, डिस्कॉम का नाम, बिजली कनेक्शन नंबर (Consumer Number) और अन्य जानकारी भरकर रजिस्ट्रेशन पूरा करें। एक यूजर आईडी और पासवर्ड बन जाएगा।
* **महत्वपूर्ण:** बिजली कनेक्शन नंबर और डिस्कॉम का सही चयन करना आवश्यक है।
2. **लॉगिन करें:** रजिस्ट्रेशन के बाद यूजर आईडी और पासवर्ड से लॉगिन करें।
3. **सब्सिडी कैलकुलेटर का उपयोग करें:** पोर्टल पर उपलब्ध सब्सिडी कैलकुलेटर टूल का उपयोग करके अपनी जरूरत के हिसाब से सिस्टम क्षमता (1 kW से 10 kW) चुनें और अनुमानित सब्सिडी राशि प्राप्त करें।
4. **रजिस्टर्ड वेंडर (RLV) चुनें:** अपने क्षेत्र में मौजूद सरकारी मान्यता प्राप्त वेंडर्स (Registered Vendors – RLV) की सूची देखें। उनकी रेटिंग, समीक्षाएँ (अगर उपलब्ध हों) देखें और अपनी पसंद का एक वेंडर चुनें। पोर्टल के माध्यम से या सीधे उस वेंडर से संपर्क करें।
5. **वेंडर के साथ तकनीकी सर्वे और कॉस्ट एस्टीमेशन:** चुने हुए वेंडर आपके घर पर तकनीकी सर्वे करेगा। वह छत की उपलब्धता, छत की मजबूती, छाया का विश्लेषण, उपयुक्त सिस्टम क्षमता आदि की जाँच करेगा। इसके बाद वह आपको सिस्टम की **विस्तृत लागत का अनुमान (Detailed Cost Estimate)** प्रदान करेगा, जिसमें सब्सिडी घटाकर आपकी कितनी लागत आएगी, यह भी बताया जाएगा। आपको यह एस्टीमेशन स्वीकार करना होगा।
6. **ऑनलाइन आवेदन पूरा करें:** वेंडर के साथ सहमति होने के बाद, पोर्टल पर लॉगिन करके आवेदन फॉर्म को पूरा भरें। इसमें आपकी व्यक्तिगत जानकारी, बिजली कनेक्शन विवरण, चुने गए वेंडर और सिस्टम की जानकारी, बैंक खाता विवरण (सब्सिडी प्राप्त करने के लिए) आदि शामिल होंगे। सभी आवश्यक दस्तावेजों (जैसे आधार कार्ड, बिजली बिल, मालिकाना हक प्रमाण, बैंक पासबुक/कैंसिल चेक) की स्कैन कॉपी अपलोड करें। फॉर्म जमा कर दें।
7. **डिस्कॉम द्वारा आवेदन की जाँच:** आपका आवेदन संबंधित बिजली वितरण कंपनी (डिस्कॉम) को भेजा जाएगा। डिस्कॉम आपके दस्तावेजों और पात्रता की जाँच करेगी।
8. **डिस्कॉम से तकनीकी मंजूरी (Technical Feasibility Approval):** डिस्कॉम जाँच करेगी कि आपके स्थान पर ग्रिड से सोलर सिस्टम को जोड़ना तकनीकी रूप से संभव है या नहीं (जैसे ट्रांसफॉर्मर की क्षमता, वोल्टेज आदि)। यह मंजूरी पोर्टल पर अपडेट होगी।
9. **सिस्टम की स्थापना (Installation):** तकनीकी मंजूरी मिलने के बाद, चुना गया वेंडर आपके घर पर सोलर पैनल, इन्वर्टर, वायरिंग, माउंटिंग स्ट्रक्चर आदि की स्थापना करेगा। यह प्रक्रिया आमतौर पर 3-7 दिनों में पूरी हो जाती है।
10. **नेट मीटर लगाने का अनुरोध और स्थापना:** सिस्टम लगने के बाद, वेंडर या आपको स्वयं डिस्कॉम को नेट मीटर लगाने का अनुरोध करना होगा। डिस्कॉम एक अधिकृत एजेंसी के माध्यम से नेट मीटर लगाएगी और उसे कमीशन (सक्रिय) करेगी। यह महत्वपूर्ण कदम है जिसके बिना सिस्टम पूरी तरह कार्य नहीं कर सकता।
11. **सिस्टम की जाँच और कमीशनिंग (Inspection & Commissioning):** डिस्कॉम (या उसकी एजेंसी) स्थापित सिस्टम और नेट मीटर का निरीक्षण करेगी। सब कुछ ठीक पाए जाने पर, वे सिस्टम को कमीशन (सक्रिय) कर देंगे। इसकी पुष्टि पोर्टल पर होगी।
12. **सब्सिडी प्राप्ति (Subsidy Disbursement):** सिस्टम के कमीशन होने और सभी जाँचें पूरी होने के बाद, केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित सब्सिडी राशि सीधे आपके रजिस्टर्ड बैंक खाते में **30 दिनों के भीतर** भेज दी जाएगी। आप पोर्टल पर सब्सिडी स्टेटस ट्रैक कर सकते हैं।
**आवश्यक दस्तावेज (Required Documents of Pm solar scheme ):*
* आवेदक का आधार कार्ड
* बिजली कनेक्शन का विवरण (बिजली बिल / कनेक्शन नंबर)
* घर के मालिकाना हक का प्रमाण (रजिस्ट्री डीड, हाउस टैक्स रसीद, पोसैशन लैटर, अलॉटमेंट लैटर आदि में से कोई एक)। किरायेदार के मामले में मकान मालिक का एनओसी और मालिकाना हक प्रमाण।
* बैंक खाता विवरण (पासबुक/कैंसिल चेक की कॉपी) – नाम, खाता संख्या, आईएफएससी कोड स्पष्ट दिखना चाहिए।
* वेंडर द्वारा दिया गया कॉस्ट एस्टीमेट और अन्य रसीदें (आवेदन के बाद के चरणों में)।
Pradhanmantri Surya Ghar Muft Bijli Yojana के लाभ: व्यक्तिगत, आर्थिक और पर्यावरणीय (Benefits: Personal, Economic & Environmental):**
1. **शून्य या न्यूनतम बिजली बिल:** यह सबसे बड़ा और सीधा लाभ है। सोलर सिस्टम लगाने के बाद, अधिकांश घरों का बिजली बिल शून्य हो जाता है या नाममात्र का रह जाता है, जिससे हर महीने सैकड़ों से लेकर हजारों रुपये की बचत होती है।
2. **लंबी अवधि में बड़ी बचत:** सोलर पैनलों की जीवन अवधि 25 साल या उससे अधिक होती है। इस अवधि में होने वाली बिजली बिल की बचत लाखों रुपये तक पहुँच सकती है, जो प्रारंभिक निवेश से कहीं अधिक होती है।
3. **बिजली कटौती से मुक्ति:** सोलर सिस्टम के साथ, दिन के समय बिजली कटौती की चिंता नहीं रहती (यदि सिस्टम ऑफ-ग्रिड या हाइब्रिड नहीं है, तो रात में अभी भी ग्रिड पर निर्भरता रहती है)।
4. **अतिरिक्त आय का स्रोत:** नेट मीटरिंग के तहत अतिरिक्त उत्पादित बिजली को ग्रिड में बेचकर क्रेडिट अर्जित किया जा सकता है, जो भविष्य के बिलों में समायोजित होता है। कुछ राज्यों में, अतिरिक्त बिजली के लिए नकद भुगतान भी हो सकता है।
5. **घर की संपत्ति में वृद्धि:** सोलर सिस्टम लगा हुआ घर अधिक आकर्षक और मूल्यवान बन जाता है।
6. **पर्यावरण संरक्षण:** सौर ऊर्जा शुद्ध, हरित और नवीकरणीय है। इसके उपयोग से कार्बन फुटप्रिंट कम होता है, वायु प्रदूषण घटता है और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद मिलती है। एक 3 kW सिस्टम लगभग 3 टन CO2 उत्सर्जन प्रतिवर्ष बचाता है।
7. **राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा:** जीवाश्म ईंधन (कोयला, तेल, गैस) के आयात पर निर्भरता कम होती है, जिससे देश की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होती है।
8. **डिस्कॉम को राहत:** गर्मियों में पीक डिमांड के समय डिस्कॉम पर दबाव कम होता है।
9. **रोजगार सृजन:** योजना के कारण सोलर पैनल निर्माण, वितरण, इंस्टालेशन, रखरखाव और सेवा क्षेत्र में लाखों नए रोजगार पैदा हो रहे हैं।
* Pm Surya Ghar Muft Bijli Yojana की चुनौतियाँ और भविष्य (Challenges & The Way Forward):**
* **जागरूकता की कमी:** ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में अभी भी योजना के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है। व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है।
* **डिस्कॉम की क्षमता और देरी:** कई डिस्कॉम में नेट मीटर लगाने और तकनीकी मंजूरी देने की प्रक्रिया धीमी है। डिस्कॉम की क्षमता निर्माण करने की जरूरत है।
* **रजिस्टर्ड वेंडर्स की उपलब्धता:** कुछ क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में गुणवत्तापूर्ण रजिस्टर्ड वेंडर्स नहीं हैं। वेंडर्स के प्रशिक्षण और पंजीकरण को बढ़ावा देना होगा।
* **छत की उपयुक्तता:** पुराने घरों की छतें कमजोर हो सकती हैं या छायादार स्थानों में हो सकती हैं। इंजीनियरिंग समाधानों की आवश्यकता है।
* **अपार्टमेंट में चुनौतियाँ:** सोसाइटी की मंजूरी और सामूहिक निर्णय लेने की प्रक्रिया जटिल हो सकती है।
* **प्रारंभिक निवेश:** सब्सिडी के बावजूद, कई परिवारों के लिए बैंक लोन लेकर भी शेष राशि का प्रबंध करना एक चुनौती हो सकती है। अधिक सस्ते वित्त विकल्पों की आवश्यकता है।
इन चुनौतियों के बावजूद, पीएम सूर्य घर योजना भारत के ऊर्जा भविष्य को बदलने की अपार संभावना रखती है। सरकार द्वारा पोर्टल के माध्यम से पारदर्शिता, सब्सिडी के त्वरित भुगतान पर जोर, और बैंक लोन की सुविधा जैसे कदम सकारात्मक हैं। जैसे-जैसे जागरूकता बढ़ेगी, डिस्कॉम की क्षमता बढ़ेगी और तकनीक सस्ती होगी, यह योजना और तेजी से पटरी पर आएगी।
** Pm Surya Ghar Muft Bijli Yojana के निष्कर्ष
Pm solar yojana सिर्फ बिजली बिल बचाने की योजना नहीं है; यह भारत के सामाजिक-आर्थिक और पर्यावरणीय परिदृश्य को बदलने वाली एक बहुआयामी पहल है। यह आम आदमी की जेब पर पड़ने वाले बोझ को कम करती है, देश को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने का मार्ग प्रशस्त करती है, हरित भविष्य की नींव रखती है और एक नए उद्योग को जन्म देकर रोजगार के अवसर पैदा करती है। यह “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” के सिद्धांत को चरितार्थ करने वाली योजना है।
यदि आपके पास अपना घर और पर्याप्त छत है, तो **[https://pmsuryaghar.gov.in](https://pmsuryaghar.gov.in)** पर जाएँ, अपना आकलन करें, सब्सिडी की गणना करें और अपना आवेदन शुरू करें। अपने घर की छत को एक छोटी सी “सौर ऊर्जा फैक्ट्री” में बदल दें। यह न केवल आपकी वित्तीय स्वतंत्रता की दिशा में एक स्मार्ट निवेश है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने में आपका सक्रिय योगदान भी है। भारत के हर घर की छत पर सूरज उगाने का यह अभियान सफल हो, यही कामना है!
1. **क्या Pm Surya Ghar Muft Bijli Yojana में सच में बिजली पूरी तरह मुफ़्त हो जाएगी?*
हाँ, लेकिन “मुफ़्त” का अर्थ है आपका मासिक बिजली बिल शून्य हो जाएगा। आपको सिस्टम लगाने के लिए प्रारंभिक निवेश (सब्सिडी और लोन के बाद जो राशि बचती है) करना पड़ता है। इस निवेश के बदले में आपको 25 साल तक लगभग मुफ़्त में बिजली मिलती है।
Pm Surya Ghar Muft Bijli Yojana में सब्सिडी कितने समय में मिलती है?**
सिस्टम के सफलतापूर्वक कमीशन होने और सभी औपचारिकताएँ पूरी होने के बाद, सब्सिडी आमतौर पर **30 दिनों के भीतर** आपके बैंक खाते में आ जानी चाहिए।
Pm Surya Ghar Muft Bijli Yojana official website
https://pmsuryaghar.gov.in
. **क्या Pm Surya Ghar Muft Bijli Yojana में मैं बैटरी भी लगवा सकता हूँ?**
पीएम सूर्य घर योजना केवल **ग्रिड-कनेक्टेड सिस्टम** के लिए सब्सिडी देती है, जिसमें बैटरी शामिल नहीं है। बैटरी लगवाना अतिरिक्त खर्च है और यह सब्सिडी के दायरे में नहीं आता। बैटरी लगाने से रात में भी सोलर बिजली का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन इससे सिस्टम की लागत काफी बढ़ जाती है।